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अधिवक्ता अधिनियम संशोधन बिल पर अधिवक्ताओं में उबाल
फोटो – विरोध करते गोड्डा के अधिवक्ता
∆ बिल के विरोध में न्यायिक कायों से अलग रहे अधिवक्तागण
गोड्डा : अधिवक्ता संशोधन बिल-2025 के विरोध में जिला अधिवक्ता संघ के अधिवक्तागण न्यायिक कार्यों से अलग रहे। बिल के विरोध में पुराने संघ भवन परिसर में एक सभा का आयोजन कर अधिवक्ताओं ने इस बिल पर विस्तृत चर्चा की। इसके उपरांत सभी अधिवक्ताओं ने एकमत होकर केन्द्र सरकार से अविलंब इस बिल को वापस लेने की मांग की। विरोध में अधिवक्ताओं ने एक रैली निकाली जो संघ भवन से निकलकर कारगिल चौक होती हुई पुन: संघ भवन पहुंची।
जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव याेगेश चंद्र झा ने कहा कि इस बिल के प्रस्तावित संशोधनों को भारतीय विधिज्ञ परिषद की स्वायत्तता एवं स्वतंत्रता पर आघात पहुंचाने वाला है । प्रमुख रूप से इस बिल के द्वारा भारतीय विधिज्ञ परिषद में तीन सदस्य केन्द्र सरकार द्वारा नमित करके विधि व्यवसाय की परिभाषा को खत्म कर दिया गया है। अधिवक्ताओं द्वारा न्यायिक कार्यों से अलग रहने पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी, केन्द्र सरकार बार काउंसिल आफ इंडिया को बाध्यकारी निर्देश देगी, नामांकन योग्यता एवं फीस का निर्धारण भी केन्द्र सरकार करेगी। विदेशी अधिवक्ता एवं विदेशी फर्म के नियमन का अधिकार होगा, बार काउंसिल आफ इंडिया की जगह केन्द्र सरकार का प्रभुत्व रहेगा। इसलिए यह अधिवक्ताओं के स्वतंत्रता पर आघात पहुंचाने का प्रयास किया गया है। जो संविधान के विपरीत है। अधिवक्ताओं ने कहा कि सांसद व विधायक को लोकसभा व विधानसभा में बहिष्कार करने का अधिकार है और उनलोगों पर कोई कानूनी पावंदी नहीं है। अधिवक्ता अगर न्याय हित में लड़ाई लड़ते हैं या अपनी आवाज उठाऐंगे तो इस कानून के माध्यम से अधिवक्ताओं पर दबाब बनाने की साजिश रची जा रही है। मौके पर क्रांतिधर सहाय, बार काउंसिल सदस्य धर्मेन्द्र नारायण, तनूज कुमार दुबे, अफसर हसनैन, शादिक अहमद, अनिता सोरेन, अजय साह, अजीत सिंह, प्रमोद शर्मा, श्यामल किशोर ठाकुर आदि ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यकम की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष सुशील कुमार झा ने किया जबकि संचालन महासचिव योगेश चंद्र झा कर रहे थे। मौके पर कुंदन ठाकुर, सुधीर ठाकुर, संघ के पदाधिकारी भवेश कांत झा, दिवाकर यादव, अंबोद कुमार ठाकुर, अजीत कुमार वर्मा, विनय ठाकुर सहित दर्जनों अधिवक्तागण उपस्थित थे।